नई दिल्ली, 8 अक्टूबर: भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित मंच दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। बड़ौदा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ अब इस फेस्टिवल के सलाहकार बोर्ड का हिस्सा बन गई हैं।
इस नए जुड़ाव के साथ भारतीय फिल्म फेस्टिवल की दुनिया में शाही धरोहर और सांस्कृतिक दृष्टिकोण का एक नया अध्याय जुड़ गया है। राधिकाराजे गायकवाड़ की उपस्थिति न केवल फेस्टिवल की प्रतिष्ठा को बढ़ाएगी, बल्कि भारत की कला, संस्कृति और सिनेमा को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूती से स्थापित करने में मदद करेगी।
दादासाहेब फाल्के जी की विरासत से प्रेरित DPIFF ने वर्षों से भारतीय सिनेमा के प्रमुख नामों और उभरते कलाकारों को सम्मानित किया है। फेस्टिवल के सलाहकार बोर्ड में पहले से ही कई प्रमुख व्यक्तित्व शामिल हैं, जैसे कि:
Col. P. C. Sood - हिंदुजा ग्रुप के उपाध्यक्ष,
Dattaraj Salgaocar – V. M. Salgaocar Corporation के अध्यक्ष,
Bhavna Merchant - प्रतिष्ठित सांस्कृतिक विशेषज्ञ एवं पूर्व सेंसर बोर्ड जूरी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,
Mayank Shroff - फिल्म प्रोग्रामिंग एवं वितरण के प्रमुख, Cinépolis India, और
Jyoti Badheka - क्रिएटिव प्रोड्यूसर एवं पूर्व सेंसर बोर्ड जूरी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार।
इस अवसर पर DPIFF के CEO अभिषेक मिश्रा ने कहा, “हमें महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ का स्वागत करते हुए गर्व महसूस हो रहा है। भारतीय संस्कृति और धरोहर के संरक्षण के प्रति उनका समर्पण प्रेरणादायक है। उनके अनुभव और दृष्टिकोण से फेस्टिवल को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी।”
लक्ष्मी विलास पैलेस, बड़ौदा की संरक्षक के रूप में, महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ भारतीय शाही इतिहास और कला जगत की एक प्रमुख हस्ती हैं। उन्होंने भारतीय विरासत, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कई सामाजिक एवं सांस्कृतिक अभियानों का नेतृत्व किया है। DPIFF से उनका जुड़ाव भारतीय सिनेमा और संस्कृति के संगम को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
अपने जुड़ाव पर महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ ने कहा, “दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के सलाहकार बोर्ड से जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं DPIFF की उस प्रतिबद्धता की प्रशंसा करती हूं, जो सिनेमा की उत्कृष्टता को पहचान देती है और हमारी सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर बढ़ावा देती है।”
वर्षों से DPIFF ने भारत के 15 से अधिक राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हुए पर्यटन मंत्रालय के ‘इनक्रेडिबल इंडिया’ और संस्कृति मंत्रालय के ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ जैसे अभियानों को सशक्त समर्थन दिया है। फेस्टिवल अब एक वैश्विक सांस्कृतिक शक्ति के रूप में उभर चुका है, जो भारतीय सिनेमा की प्रतिष्ठा को नए आयाम दे रहा है।
महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ का जुड़ाव DPIFF के लिए केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक विरासत का प्रतीक है — एक ऐसा संगम जहां राजसी गरिमा, सांस्कृतिक नेतृत्व और सिनेमाई उत्कृष्टता मिलकर भारतीय सिनेमा का स्वर्णिम अध्याय रच रहे हैं।
दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) के बारे में:
दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल भारत का सबसे प्रतिष्ठित… (पाठ आगे जैसा है)।
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